Category Archives: Hasya Kavi Sammelan

Vikas : Surendra Sharma

विकास : सुरेन्द्र शर्मा

एक कमरा था
जिसमें मैं रहता था
माँ-बाप के संग
घर बड़ा था
इसलिए इस कमी को
पूरा करने के लिए
मेहमान बुला लेते थे हम!

फिर विकास का फैलाव आया
विकास उस कमरे में नहीं समा पाया
जो चादर पूरे परिवार के लिए बड़ी पड़ती थी
उस चादर से बड़े हो गए
हमारे हर एक के पाँव
लोग झूठ कहते हैं
कि दीवारों में दरारें पड़ती हैं
हक़ीक़त यही
कि जब दरारें पड़ती हैं
तब दीवारें बनती हैं!
पहले हम सब लोग दीवारों के बीच में रहते थे
अब हमारे बीच में दीवारें आ गईं
यह समृध्दि मुझे पता नहीं कहाँ पहुँचा गई
पहले मैं माँ-बाप के साथ रहता था
अब माँ-बाप मेरे साथ रहते हैं

फिर हमने बना लिया एक मकान
एक कमरा अपने लिए
एक-एक कमरा बच्चों के लिए
एक वो छोटा-सा ड्राइंगरूम
उन लोगों के लिए जो मेरे आगे हाथ जोड़ते थे
एक वो अन्दर बड़ा-सा ड्राइंगरूम
उन लोगों के लिए
जिनके आगे मैं हाथ जोड़ता हूँ

पहले मैं फुसफुसाता था
तो घर के लोग जाग जाते थे
मैं करवट भी बदलता था
तो घर के लोग सो नहीं पाते थे
और अब!
जिन दरारों की वहज से दीवारें बनी थीं
उन दीवारों में भी दरारें पड़ गई हैं।
अब मैं चीख़ता हूँ
तो बग़ल के कमरे से
ठहाके की आवाज़ सुनाई देती है
और मैं सोच नहीं पाता हूँ
कि मेरी चीख़ की वजह से
वहाँ ठहाके लग रहे हैं
या उन ठहाकों की वजह से
मैं चीख रहा हूँ!

आदमी पहुँच गया हैं चांद तक
पहुँचना चाहता है मंगल तक
पर नहीं पहुँच पाता सगे भाई के दरवाज़े तक
अब हमारा पता तो एक रहता है
पर हमें एक-दूसरे का पता नहीं रहता

और आज मैं सोचता हूँ
जिस समृध्दि की ऊँचाई पर मैं बैठा हूँ
उसके लिए मैंने कितनी बड़ी खोदी हैं खाइयाँ

अब मुझे अपने बाप की बेटी से
अपनी बेटी अच्छी लगती है
अब मुझे अपने बाप के बेटे से
अपना बेटा अच्छा लगता है
पहले मैं माँ-बाप के साथ रहता था
अब माँ-बाप मेरे साथ रहते हैं
अब मेरा बेटा भी कमा रहा है
कल मुझे उसके साथ रहना पड़ेगा
और हक़ीक़त यही है दोस्तों
तमाचा मैंने मारा है
तमाचा मुझे खाना भी पड़ेगा


Gita Gyan aur Hariyana : Arun Gemini

गीता ज्ञान और हरियाणा : अरुण जैमिनी

Krishna जी ने Gita का ज्ञान
Hariyana में ही दिया
इसलिये हरियाणे वालों ने ही
उसे Seriously लिया

लोग हरियाणे वालों के बारे में
पता नहीं क्या-क्या बकते हैं
पर Krishna जी अच्छी तरह जानते थे
कि इतना गूढ़ ज्ञान
हरियाणे वाले ही समझ सकते हैं।

हरियाणे की Mallika Sherawat ने
Gita के ज्ञान को केवल समझा ही नहीं
आचरण में भी उतारा है
गीता में कृष्ण जी ने साफ़ कहा है-
“ये शरीर मिथ्या है
न तुम इस शरीर के हो
न ये शरीर तुम्हारा है।”

Gurgaon में Haryana Police ने
गीता-ज्ञान को इस तरह जिया
कि हड़तालियों को घेरा
और लाठियों से सूत दिया
पिटने वालों के शरीर से ख़ून बह रहा था
और पुलिस के हर प्रहार में
गीता का ज्ञान गूंज रहा था-
“दुनिया क्यों चिंता करती है
किससे व्यर्थ डरती है
कौन तुम्हें मार सकता है
आत्मा न जन्म लेती है, न मरती है।”

हरियाणा के तो ख़ून में गीता का ज्ञान है
भारत की राजनीति में भी इसका
ऐतिहासिक योगदान है
राजनीति में हरियाणा ने ये क़माल किया
कि एक नये मुहावरे को जन्म दिया
हरियाणे के दो विधायक
एक पार्टी में सुबह बिताते थे, दूसरी में शाम
एक का नाम आयाराम
दूसरे का नाम गयाराम
दल बदलते हुए आयाराम गयाराम से
कृष्ण जी के Style में कहता है-
“तुम्हें क्या ग़म है?
परिवर्तन ही संसार का नियम है
नश्वर है माया
कोई नहीं है अपना-पराया
इस भेदभाव से तुम्हें करना किनारा है
फिर तुम सबके हो, सब तुम्हारा है।”

लोग कहते हैं-
हरियाणा वाले किसी से नहीं डरते हैं
जमकर अधर्म करते हैं।
लोगों के मन में तो
हरियाणा खामख्वाह गड़ता है
हरियाणा वाले ख़ुशी-ख़ुशी अधर्म थोड़े ही करते हैं
ये तो उन्हें गीता समझने के कारण करना पड़ता है
कृष्ण जी ने कहा है-
“मैं ही धरती को बचाऊंगा
जब-जब धर्म का नाश होगा
तन तन मैं आऊंगा।”
अधर्म करना हरियाणा वालों की मजबूरी है
क्योंकि भगवान को देश में बुलाना बहुत ज़रूरी है

इन सारे उदाहरणों का होना
ये सिद्ध करता है
कि हरियाणे वाले ज्ञान से नहीं डरते
बल्कि ज्ञान हरियाणा से डरता है।


Ved Prakash Ved

Ved Prakash VedName : Ved Prakash Ved
Birth : 4 March 1964; New Delhi
Education : Master of Arts (Hindi), B.Ed.

Published work
1) Hans Liya Phans Liya (Poetry)
2) Hansi Khel Nahin (Poetry)

3) Articles, poems and satires are regularly publishing with various news papers and magazines.

Other achievements
1) Broadcasted with various media i.e. Doordarshan, NDTV, SAB TV, Jain TV, Jansandesh, Dabang, Live India and IBN7 etc.
2) Recited poem more then 2500 kavi-sammelans all over the country and abroad.
3) Visited overseas for kavi-sammelans i.e. Oman, Hong Kong, Dubai, Indonesia, Nepal, Thailand etc.

Awards-
1) Kaka Hathrasi Puraskar by Delhi Govt.
2) Kaka Hathrasi puraskar by Kaka Hathrasi Trust.
3) Omprakash Aditya puraskar
4) Attahaas puraskar
5) Awarded by President of India.

About Ved-
Ved Prakash Ved is a name of witty performances in Kavi Sammelans. His topics of poetry are social as well as his style to conclude any topic is humorous. He thinks positive but speaks satiric. One can say – “When he recite poetry his words performs with his body language and his expressions too.

Current Location- Greater NOIDA


Som Thakur

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+91 9868 573 612


Ras Bihari Gaur

Ras Bihari Gaur


Name : Ras Bihari Gaur

Birth : 20 January; 1964 (Ajmer)
Education : B.Sc.

Publications :
1) Loktantra Ke Naam (Vyangya Sankalan)
2) Just Hasyam (Hasya Kavita)
3) Vaseeyat Hai Kavita (Poetry)
4) Yatha Sambhav (Edited)

Countries Visited : Canada, USA, UAE

About Ras :
Rasbihari Gaur is a finalist of The great Indian laughter challenge. He recited his poems from all important platforms of the country including Lalkila Kavi Sammelan. He performed on all important channels of silver screen. Rasbihari is founding president of INTERNATIONAL LITERATURE SOCIETY OF INDIA. He organise AJMER LITERATURE FESTIVAL. Just hasyam, Geet-Gulzar are some notable shows of Rasbihari Gaur. Vaichariki & Batras are two popular blogs of Rasbihari. Rasbihari is associate with various NGO’s i.e. Lions Club, Kavi Sammelan Samiti, Citizen Council, Sur Singar, Shabd etc.

Current Location : Ajmer, Rajasthan