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Navbharat Times – Hasya Kavi Sammelan

Hasya Kavi Sammelan in Navbharat Times on 4 May 2013

Poets : Chirag Jain, Surender Sharma, Ashok Chakradhar, Arun Gemini, Pradeep Chobey

Hasya Kavi Sammelan मनोरंजन का एक ऐसा माध्यम है, जो मनोरंजन के साथ-साथ समाज को शिक्षित करने और दिशा देने का भी काम करता है। आज World Laughter Day के मौके पर हमने आपके लिए ऐसा ही Kavi-Sammelan आयोजित किया है। हंसी के इस जलसे का संचालन कर रहे हैं Chirag Jain...

Chirag Jain : दोस्तो, Laughter Day के मौके पर आयोजित इस Hasya Kavi Sammelan में आपका स्वागत करता हूं। भागदौड़ भरी जिंदगी से हंसी के कुछ पल चुराना तो बनता है। हंसी के इस जलसे में हम मुस्कान से शुरुआत कर खिलखिलाहट, हंसी, ठहाके और अट्टहास तक जाते हैं। आपके ठहाकों और तालियों की गड़गड़ाहट के बीच कवि चुपके से अहसास का एक नाजुक-सा जुमला कब आपके दिल तक पहुंचा देता है, कहना मुश्किल है। तो आइए शुरू करते हैं, आज का जलसा।

जलसे की शुरुआत मैं एक ऐसे कवि से करवाना चाहता हूं, जो पिछले पैंतीस बरस से अपनी चुटकियों और हरियाणवी अंदाज से हास्य कविता की दुनिया में एक मुकम्मल पहचान बना चुके हैं। ‘Wah-Wah’ से लेकर ‘Wah-Wah Kya Baat Hai’ तक और U.S.A. से लेकर HongKong तक पूरे विश्व में तमाम माध्यमों से जिस शख्स का जिक्र उसकी ठहाके भरी प्रस्तुतियों के लिए होता है, उसका नाम है Arun Gemini

Arun Gemini : नमस्कार दोस्तो, चिराग मेरे बारे में बता रहे हैं कि मैं हरियाणे से हूं। दरअसल, हरियाणे में हर काम अलग अंदाज में किया जाता है। किसी दूसरे प्रदेश का आदमी वहां काम कर ही नहीं सकता। जैसे किसी और प्रदेश का आदमी वहां डॉक्टरी करना चाहे, तो कर ही नहीं सकता। क्योंकि मरीज बीमारी ही ऐसी बताएगा।

वह बोलेगा, ‘डॉक्टर साब! कलेजे में धुम्मा-सा उट्ठै है। …अब कर ले डॉक्टर, क्या इलाज करेगा! अच्छा, डॉक्टर भी ऐसे ही हैं वहां। एक डॉक्टर मरीज का इलाज कर रहा था, तो देखा मरीज की दोनों टांगें नीली पड़ गईं। डॉक्टर बोला, ‘जहर चढ़ रहा है, टांगें काटनी पड़ेंगी।’ दोनों टांगें काटी गईं साहब, नकली टांगें लगवाई गईं। कुछ दिन बाद वो नकली टांगें भी नीली पड़ गईं। डॉक्टर बोला, ‘ओहो! तुम्हारी तो जींस ही रंग छोड़ती है।’

तो ऐसा मस्त प्रदेश है साहब Haryana। आइए मैं इसी हरियाणवी मस्ती की एक छोटी-सी Kavita सुना देता हूं…

इंटरव्यू देने पहुंचा
हरियाणे का एक बेरोजगार
एक पोस्ट के लिए
आए थे अस्सी उम्मीदवार
किसे रखना है, यह बात तय थी,
इसलिए चयनकर्ताओं के सवालों में
न सुर, न ताल और न लय थी।
एक चयनकर्ता ने
हरियाणवी छोरे से पूछा-
बताओ
ताजमहल कहां है?
हरियाणवी छोरा बोला-
‘जी… रोहतक में’
‘बहुत अच्छा… बहुत अच्छा…
इतना भी नहीं जानता
नौकरी क्या खाक करेगा?’
‘आगरे में बता दूं
तो क्या रख लेगा?’

Chirag Jain यह थे Arun Gemini। अब चलते हैं उस कवि के पास, जिसे हास्य का Atom बम कहा जाता है। Gwalior, Madhya Pradesh से पधारे हास्य के एक ऐसे हस्ताक्षर को मैं मंच पर आवाज देना चाहता हूं, जो खुद पर हंसने की कला में माहिर हैं। Pradeep Chobey जी हंसने-हंसाने के मूड में आएं, इसके लिए मैं Alhar Bikaneri जी के गीत की दो पंक्तियां खर्च करना चाहता हूं- खुद पे हंसने की कोई राह निकालूं, तो हंसूं / अभी हंसता हूं, जरा मूड में आ लूं, तो हंसूं।

Pradeep Chobey : आप सभी को Laughter Day की बहुत सारी बधाइयां! दोस्तो, आज मैं आपके लिए लाया हूं आज के हालात की एक गजल, जिसका उन्वान (शीर्षक) है- हर तरफ गोलमाल है साहब।

हर तरफ गोलमाल है साहब
आपका क्या खयाल है साहब
कल का भगुआ चुनाव जीता तो
आज भगवत दयाल है साहब
लोग मरते रहें तो अच्छा है
अपनी लकड़ी की टाल है साहब
आपसे भी अधिक फले फूले
देश की क्या मजाल है साहब
मुल्क मरता नहीं तो क्या करता
आपकी देखभाल है साहब
रिश्वतें खाके जी रहे हैं लोग
रोटियों का अकाल है साहब
इसको डेंगू, उसे चिकनगुनिया
घर मेरा अस्पताल है साहब
तो समझिए कि पात-पात हूं मैं
वो अगर डाल-डाल हैं साहब
गाल चांटे से लाल था अपना
लोग समझे गुलाल है साहब
मौत आई तो जिंदगी ने कहा-
‘आपका ट्रंक कॉल है साहब’

Chirag Jain : Pradeep Chobey जी की इस धमाकेदार गजल के बाद आइए अब रुख करते हैं हिंदी कविता के उस ध्रुव तारे की ओर जिसने हास्य कविता की धार को व्यंग्य से और पैना किया है। शब्दों से खेलने में माहिर हिंदी कविता के इस बेजोड़ सितारे का नाम है Ashok Chakradhar

Dr. Ashok Chakradhar : आज का दिन बहुत सुहाना है। कुछ सुनना है, कुछ सुनाना है। कुल मिलाकर हंसना-हंसाना है। Laughter Day पर ‘लाफने’ की रस्म को मैं भी निभाता हूं। आइए आपको एक कविता मैं भी सुनाता हूं।

नदी में डूबते आदमी ने
पुल पर चलते आदमी को
आवाज लगाई- ‘बचाओ!’
पुल पर चलते आदमी ने
रस्सी नीचे गिराई
और कहा- ‘आओ!’
नीचे वाला आदमी
रस्सी पकड़ नहीं पा रहा था
और रह-रह कर चिल्ला रहा था-
‘मैं मरना नहीं चाहता
बड़ी महंगी ये जिंदगी है
कल ही तो एबीसी कंपनी में
मेरी नौकरी लगी है।’
इतना सुनते ही
पुल वाले आदमी ने
रस्सी ऊपर खींच ली
और उसे मरता देख
अपनी आंखें मींच ली
दौड़ता-दौड़ता
एबीसी कंपनी पहुंचा
और हांफते-हांफते बोला-
‘अभी-अभी आपका एक आदमी
डूब के मर गया है
इस तरह वो
आपकी कंपनी में
एक जगह खाली कर गया है
ये मेरी डिग्रियां संभालें
बेरोजगार हूं
उसकी जगह मुझे लगा लें।’
ऑफिसर ने हंसते हुए कहा-
‘भाई, तुमने आने में
तनिक देर कर दी
ये जगह तो हमने
अभी दस मिनिट पहले ही
भर दी
और इस जगह पर हमने
उस आदमी को लगाया है
जो उसे धक्का देकर
तुमसे दस मिनिट पहले
यहां आया है।’

Chirag Jain : तो जनाब! यह था बेरोजगारी का सूरते-हाल। और आइए अब चलते हैं हास्य कविता के उस सुपरस्टार की ओर, जिन्हें हाल ही में भारत सरकार ने Padma Shri अलंकार से सुशोभित किया है। हास्य कविता को लोकप्रिय बनाने और अपने खास अंदाज से श्रोताओं पर अपनी छाप छोड़ने वाले Surendra Sharma हिंदी की मंचीय कविता में एक युग के रूप में जाने जाते हैं।

Surender Sharma : चार लैन सुणा रियो ऊं

हमने अपनी पत्नी से कहा-
‘तुलसीदास जी ने कहा है-
ढोल, गंवार, शूद्र, पशु, नारी
ये सब ताड़न के अधिकारी
-इसका अर्थ समझती हो
या समझाएं?’
पत्नी बोली-
‘इसका अर्थ तो बिल्कुल ही साफ है
इसमें एक जगह मैं हूं
चार जगह आप हैं।’

चार लैन और सुणा रियो ऊं…

‘पत्नी जी!
मेरो इरादो बिल्कुल ही नेक है
तू सैकड़ा में एक है।’
वा बोली-
‘बेवकूफ मन्ना बणाओ
बाकी निन्याणबैं कूण-सी हैं
या बताओ।’

इन चार लाइणा में ट्रेन का सीन है…

घराली बोली-
‘एजी!
ऊपर की बर्थ पे कैंया जाऊं
डर लागै है, गिर जाऊंगी।’
मैं बोल्यो- ‘री भागवान!
थै ऊपर नै तो जाओ,
थारे जाते ही
बर्थ नीचै आ जावेगी।’

दोस्तो, Laughter Day के इस मौके पर इतना ही कहना चाहूंगा कि Osho ने कहा है- जब आप हंस रहे होते हो, तो खुदा की इबादत कर रहे होते हो। और मैं कहता हूं कि जब आप किसी को हंसा रहे होते हो, तो खुदा आपके लिए इबादत कर रहा होता है।

Chirag Jain : आज के इस जलसे को एक कवि की इन चार पंक्तियों से विराम देते हैं…

अपने जख्मों को भी आइना बनाया हमने
आपको हंसता हुआ चेहरा दिखाने के लिए
इतना आसान नहीं खुद का तमाशा करना
कलेजा चाहिए औरों को हंसाने के लिए


Hasya Kavi Sammelan at Connaught Place

Government of Delhi के Art, Culture & Language विभाग के अंतर्गत संचालित Hindi Academy ने Delhi के Connaught Place के Central Park में 27 April की शाम को एक भव्य Kavi Sammelan का आयोजन किया। दिल्ली सरकार की मंत्री Smt. Kiran Walia की उपस्थिति और हिन्दी अकादमी के उपाध्यक्ष Dr. Ashok Chakradhar की अध्यक्षता में लगभग चार घंटे तक 2500 श्रोताओं ने कविताओं का रस लिया। Mahendra Sharma के संचालन में Pawan Aagri (Agra), Chirag Jain (Delhi), Dr. Madhumohini Upadhyaya (NOIDA), Praveen Shukla (Delhi), Jainendra Kardam (Delhi), Popular Meeruthi (Meerut), Prabhakiran Jain (Delhi), Ajay Dixit (Delhi), Alok Puranik (Ghaziabad), Alok Srivastava (Ghaziabad) और Ved prakash Ved (Delhi) ने काव्य पाठ किया। कार्यक्रम के अंत में हिंदी अकादमी के सचिव Dr. Harisuman Bisht ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

Kavi Sammelan in Rohini Delhi

14 April की शाम राजधानी के रोहिणी इलाक़े में सैक्टर 16 के डीडीए मैदान में भव्य कवि-सम्मेलन का आयोजन किया गया। नॉर्थ-एक्स मैत्री संघ द्वारा आयोजित इस कवि सम्मेलन में Dr. Hariom Panwar (Meerut), Pratap Faujdar (Agra), Jagbeer Rathi (Hissar), Chirag Jain (Delhi), Shambhu Shikhar (Delhi), Charanjeet Charan (Faridabad), O P Haryanvi (Delhi), Shalini Sargam (Delhi) और Shekhar Agrawal (Delhi) ने लगभग 6 घंटे तक श्रोताओं को बांधे रखा। कार्यक्रम का संचालन Chirag Jain ने किया।


Hasya Kavi Sammelan Bhiwadi


Agrawal Sabha, Bhiwadi की ओर से 6 April को Bhavya Kavi Sammelan का आयोजन किया गया। Holi Milan के उपलक्ष्य में आयोजित इस Kavi Sammelan में सर्वश्री Arun Gemini, Chirag Jain, Shambhu Shikhar, Charanjeet Charan और Ritu Goel ने काव्य पाठ किया। ठहाकों और उल्लास से भरे इस महोत्सव में श्रोताओं ने 4 घंटे तक कविता की फुहार को भोगा। Ritu Goel की Saraswati vandana और Charanjeet Charan की Agrasen Vandana से शुरू हुआ कार्यक्रम Chirag Jain के संचालन में हास्य, संस्कार और शृंगार के उत्सव के रूप में संपन्न हुआ।


Hasya Kavi Sammelan / Ara

Bihar Utsav और Holi के संयुक्त उपलक्ष्य में Bihiya के Inter College में 21 march की शाम Akhil Bhartiya Hasya Kavi Sammelan का आयोजन किया गया। लगभग 2500 श्रोताओं ने रात दो बजे तक कविताओं का लुत्फ़ उठाया। Charanjeet Charan की Saraswati vandana और Bihar Vandana से प्रारंभ हुआ Kavi Sammelan ठहाकों और उल्लास के नाम रहा। Shambhu Shikhar ने अपने अंदाज़ से श्रोताओं के गुदगुदाया तो Sachin Agrawal ने अपने तीखे अशआर से कार्यक्रम में नया रंग भरा।Vineet Pandey) ने हल्की-फुल्की ठिठोली से कार्यक्रम को ऊँचाइयाँ प्रदान कीं तो Chirag Jain ने बाज़ारवादी मानसिकता पर हँसते-हँसते प्रहार किया। Vyanjana Shukla ने शृंगार के रंग बिखेरे तो Pawan Srivastava ने अपनी भोजपुरी ग़ज़लियात से कार्यक्रम को स्थानीय रंग में रंगा। Chirag jain के संचालन में कार्यक्रम ने सफलता की देहरी को छुआ।


Hasya Kavi Sammelan / Bihar Utsav

Bihar की स्थापना के 101 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर पूरे देश में Bihar Utsav मनाया गया। 18 March 2013 को नई दिल्ली के Pitampura में आयोजित Hasya Kavi Sammelan भी इन्हीं उत्सवों की शृंखला का अंग था। हज़ारों श्रोताओं ने शाम 7 बजे से 10 बजे तक कवियों की कविताओं का आस्वादन किया। कार्यक्रम में Surendra Sharma, Mohinder Sharma, Ved Prakash Ved, Chirag Jain, Shambhu Shikhar, Ritu Goel, Charanjeet Charan ने काव्य पाठ किया। Chirag Jain के सफल संचालन में कवि-सम्मेलन ने अपने चरम को छुआ।