Category Archives: Hasya Kavi Sammelan

Patrakaar : Chirag Jain

पत्रकार : चिराग़ जैन

छाप-छूप कर अख़बार
एक सनसनीबाज़ पत्रकार
रात तीन बजे घर आया
तकिये में मुँह छुपाया
और चादार तान के सो गया,
इतनी देर में उसका अख़बार
जनता के हवाले हो गया।

इधर पत्रकार चैन से
खर्राटे भर रहा था,
उधर उसका अख़बार
दुनिया की नाक में दम कर रहा था।

दोपहर की पावन बेला में
जब बिस्तर ने पत्रकार से निज़ात पाई,
तब तक पत्रकार को भूख लग आई।
पत्नी थाली लेकर आई,
तो पत्रकार ने उस पर अपनी खोजी दृष्टि घुमाई।
सबसे पहले उसने माथे से लगाई दाल,
और बड़बड़ाते हुए बोला- “धन्यवाद तरुण तेजपाल”।
फिर रोटी को करते हुए प्रणाम,
नमस्कार की मुद्रा में बोला- “जय हो बाबा आसाराम”।
देख कर थाली में वेज पुलाव,
आकाश की ओर सिर उठाकर बोला-
“धन्य हैं इस देश का साम्प्रदायिक तनाव”।

किसी ने कोई विवादास्पाद बात कही,
इसलिये थाली में शामिल हुआ दही।
फिर से बढ़ने लगा है कोई चुनावी विवाद,
तभी थाली को नसीब हुई है सलाद।
अब बस पाकिस्तान जी थोड़ी सी हैल्प कर दें,
तो बरसों से प्यासा गिलास
व्हिस्की की ख़ुश्बू से भर दें।

कुल मिलाकर
थाली में देश के सारे मुद्दे शामिल थे,
कुछ त्रासदी थे
कुछ अत्याचारी थे
और कुछ क़ातिल थे।
लेकिन पत्रकार
देखते ही देखते
सब कुछ पचा गया,
और शाम होते होते
अगले दिन की थाली सजाने
अख़बार के दफ़्तर में आ गया।

Gopal Das Neeraj, Ashok Chakradhar & Arun Gemini Awarded

Ashok Chakradhar awarded

Date : 15 July 2014
Time 11:00 AM
Place : Hariyana Niwas, Chandigadh
Occassion : Award Function of Haryana Sahitya Acadamy
Chief Guest : Chief Minister Bhupendra Singh Hudda
Guests : Padma Shri Surendra Sharma (Vise President HSA)
Dr. Shyan Sakha Shyam (Secretary, HSA)
Krishna Kumar Khandelwar (Chief Secretary, Govt. of Haryana)
Mrs. Gita Bhukkal (Education Minister, Govt. of Haryana)

Awards

आजीवन साहित्य साधना सम्मान : Padma Bhushan Gopal Das Neeraj
अल्हड़ आदित्य सम्मान : Prof. Dr. Ashok Chakradhar
हरियाणा गौरव सम्मान : Shri Arun Gemini
Etc.

Hullad Moradabadi passed away

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हिन्दी की हास्य कविता का एक युग कहे जाने वाले Hullad Moradabadi का शनिवार शाम मुम्बई में निधन हो गया। वे 72 वर्ष के थे और लम्बे समय से अस्वस्थ चल रहे थे। हुल्लड जी की रचनाओं ने हास्य कविता की परंपराओं को एक नयी दिशा प्रदान की। मंचीय कविता में जिन चंद कवियों को हास्य कवि के रूप में बड़ी पहचान मिली, हुल्लड़ जी उनमें से एक थे। गत लगभग एक दशक से वे स्वास्थ्य के कारण कम सक्रिय थे।

उनके निधन पर हास्य कवि Surendra Sharma जी ने कहा – “हुल्लड़ जी का जाना हास्य के एक युग का समाप्त होना है, उन्होंने अपनी शैली से न केवल लोगों के दिलों में जगह बनाई बल्कि हास्य कविता को एक बड़ी पहचान भी दी।”